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गुना बस हादसा: कलेक्टर, एसपी, परिवहन आयुक्त, सीएमओ को सरकार ने हटाया

इस घटना में 13 लोग जिंदा जल गए

गुना बस हादसा (Guna Bus Accident) मामले में मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। गुना के कलेक्टर, तरुझा राठी, पुलिस अधीक्षक विजय कुमार खत्री और परिवहन आयुक्त संजय कुमार को विभाग को हटा दिया गया है। इसी तरह आरटीओ रवि बरेलिया को निलंबित किया गया है। समय पर फायर ब्रिगेड नहीं पहुंचाने के लिए नगर पालिका अधिकारी बीडी कतरोलिया को दोषी मानते हुए सस्पेंड किय गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।

मध्य प्रदेश के गुना में देर रात बस और डंपर में टक्कर हो गई। बस के पलटने के कारण उसमें आग लग गई थी। इस घटना में 13 लोग जिंदा जल गए। डंपर के चालक की भी मौत हो गई। करीब 16 लोग झुलस गए।

एसपी विजय कुमार खत्री ने कहा, बस और डंपर में आपस में टक्कर हो गई। बस के पलटने के कारण उसमें आग लग गई३आग पर काबू पा लिया गया है। घटना में 13 लोगों की मृ्त्यु हो गई है और घायलों को जिला अस्पातल में भर्ती कराया गया है।

हादसे की वीभत्सता इसी से समझ सकते हैं कि शव को उठाने में भी अंग गिर रहे थे। कुल 13 शव मिले। बस के अंदर से जो 9 शव निकाले गए, उनमें 7 एक-दूसरे से चिपके थे। इनको बाहर निकालने तक में कर्मचारियों के हाथ कांप रहे थे। शव ऐसे जले कि घरवाले तक नहीं पहचान पाएंगे।

प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि घाटी पर चालक न्यूट्रल में डंपर उतार रहा था। इसी दौरान स्टीयरिंग और ब्रेक जाम हो गए और डंपर सीधे बस से जा टकराया। हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पहुंच गए और फंसे लोगों को निकाला। मौके पर एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची। फिलहाल मृतकों की शिनाख्त नहीं की जा सकी है।

रजिस्ट्रेशन-बीमा नहीं था, फिटनेस सर्टिफिकेट भी एक्सपायर

बता दें कि हादसा बुधवार रात करीब साढ़े 8 बजे हुआ। बस गुना से आरोन की ओर जा रही थी, तभी सामने से आ रहे एक डंपर से बस की टक्कर हो गई। टक्कर लगते ही बस पलट गई और उसमें आग लग गई। दो-ढाई घंटे की मशक्कत के बाद बस में लगी आग पर काबू पाया जा सका।

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बस का रजिस्ट्रेशन और बीमा नहीं था। फिटनेस सर्टिफिकेट भी एक्सपायर हो चुका था। घायल यात्रियों के बयान के आधार पर बस मालिक भानु प्रताप सिकरवार, ड्राइवर और डंपर चालक के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। FIR में बस और डंपर चालकों के नाम नहीं लिखे हैं। केवल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज किए गए हैं।

 

 

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