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कश्मीर में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के निजी समारोह में थे सुरक्षा के जबरदस्त बंदोबस्त, उठे सवाल, देखें वीडियो :

निशिकांत दुबे का गुलमर्ग में आयोजित हाई-प्रोफाइल पारिवारिक समारोह चर्चा में है

BJP MP Nishikant Dubey : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। वहां पर सुरक्षा नाकामी की बात सामने आ रही है। पहलगाम की घटना से पहले बीजेपी के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे का गुलमर्ग में आयोजित हाई-प्रोफाइल पारिवारिक समारोह चर्चा में है। यह समारोह पहलगाम हमले से करीब 10 दिन पहले हुआ था। इस कार्यक्रम में दुबे के निजी समारोह के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, निशिकांत दुबे ने गुलमर्ग में अपनी शादी की 25वीं सालगिरह का जश्न मनाया था। इस आयोजन में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था। समारोह के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, जिसमें भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए थे। हालांकि, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान पर्यटकों की सुरक्षा के लिए अपर्याप्त इंतजामों ने इस आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पहलगाम के बैसरण घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले ने जम्मू-कश्मीर में पर्यटन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। बीजेपी के अंदर भी निशिकांत दुबे के समारोह में वीआईपी मेहमानों की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए चर्चा का विषय बना हुआ है। लेकिन आम पर्यटकों के लिए यह व्यवस्था नहीं थी।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी इस मुद्दे को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई यूजर्स ने सवाल उठाया है कि जब एक सांसद के निजी समारोह के लिए इतनी कड़ी सुरक्षा हो सकती है, तो पहलगाम में 2,000 पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम क्यों नहीं किए गए। एक यूजर ने लिखा, “पहलगाम हमले से 10 दिन पहले निशिकांत दुबे गुलमर्ग में पूरी सुरक्षा के साथ सालगिरह मना रहे थे, लेकिन 26 आम लोग आतंकी हमले में मारे गए। केंद्र सरकार जवाब दे-क्या सुरक्षा सिर्फ़ बीजेपी नेताओं के लिए है?”

भाजपा के कुछ नेताओं ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया है, लेकिन पार्टी के अंदर इस बात को लेकर चर्चा है कि जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में निजी आयोजनों में वीआईपी सुरक्षा के इस्तेमाल पर स्पष्ट दिशा-निर्देश होने चाहिए। दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने सुरक्षा में लापरवाही के मुद्दे को जोरशोर से उठाया है।

साभार : सत्य हिंदी

 

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