“कोरबा की गपशप” में इस सप्ताह पढ़ें : भाजपा चलाएगी अनुशासन का लठ्ठ?, डीएमएफ ठेके की पर्ची का राज!

Korba ki Gupshup (IP News) :
– कांग्रेस में उलटफेर का लुत्फ उठाने वाले अब भाजपा की महत्वाकांक्षी राजनीति का आनंद उठा रहे हैं। यह महत्वकांक्षा नगर पालिक निगम, कोरबा के सभापति चुनाव के बाद खुलकर सामने आई। किसी ने लॉबिंग करते हुए उपर के नेताओं को सेट कर लिया तो कोई बगावत कर कुर्सी पर काबिज हो गया। इधर, अलाकमान को यह नागवार गुजरा और अनुशासन का चाबुक लहरा दिया गया है। कुछेक तो चाबुक की चपेट में आ गए हैं, लेकिन आलाकमान की नजर उन पर है जिन्होंने पार्टी के फरमान को धता बताने की जुर्रत की है। ऐसे लोगों की तलाश शुरू हो चुकी है। पहले चाबुक चला था अब अनुशासन का लठ्ठ चल सकता है। देखते हैं क्या होता है..?
– कांग्रेस के शासनकाल में DMF यानी डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड के जरिए अफसरों और नेताओं ने ठसाठस जेबें भरीं। हालांकि भूपेश सरकार के पहले की सरकारों में भी ऐसा हो रहा था। इधर, अब डीएमएफ के बड़े कार्यों के ठेकों को हथियाने होड़ लगी है। अंदर के लोग यहां तक बता रहे हैं कि कुछेक प्रभावशाली और नेता लोग अफसरों को पर्ची थमा रहे हैं और इस पर्ची में उन्हें क्या- क्या काम चाहिए इसका उल्लेख होता है। अब पर्ची के हिसाब से डीएमएफ के काम निकाले जाएंगे तो कमीशन- वमीशन भी तो तगड़ा बनेगा। डीएमएफ क्या आया है कोरबा जिला तो पूरा दुधारा गाय बना हुआ है। कोई हाथ से दुह रहा है तो कोई मशीन से।
बुझो तो जानें :
- कोरबा जिले की भाजपा की पॉलिटिक्स में किस बाहरी नेता की दखल बढ़ रही है?
- शिक्षा जगत के वो कौन से दो अफसर हैं, जिनका ओहदा हर सरकार में बरकरार रहता है?