आईआरसीटीसी मामले में लालू प्रसाद यादव और अन्य के खिलाफ सीबीआई अदालत ने आरोप तय किए
पद का दुरुपयोग करते हुए, IRCTC, नई दिल्ली में तैनात विभिन्न अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके, SHPL को अनुचित लाभ पहुँचाया

सीबीआई (CBI) अदालत ने आज यानी 13.10.2025 को आईआरसीटीसी मामले (IRCTC case) में लालू प्रसाद यादव, श्रीमती राबड़ी देवी, तेजस्वी प्रसाद यादव, प्रेम चंद गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता, आईआरसीटीसी अधिकारियों, कोचर बंधुओं और अन्य सहित सभी 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए।
सीबीआई ने 05.07.2017 को लालू प्रसाद यादव, आईआरसीटीसी के अधिकारियों और अन्य के खिलाफ यह मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि भारत सरकार के रेल मंत्री के रूप में कार्य करते हुए लालू प्रसाद यादव ने मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड (एसएचपीएल) (होटल चाणक्य, पटना के मालिक) के विजय कोचर और विनय कोचर और अन्य के साथ रांची और पुरी में स्थित बंगाल रेलवे नागपुर (बीएनआर) होटल के रूप में जाने जाने वाले मौजूदा रेलवे होटलों को पट्टे पर देने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी।
उक्त आपराधिक षडयंत्र के तहत लालू प्रसाद यादव ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए, IRCTC, नई दिल्ली में तैनात विभिन्न अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके, SHPL को अनुचित लाभ पहुँचाया।
इस संबंध में, कोचर बंधुओं ने पटना में एक बहुमूल्य बेशकीमती जमीन लालू प्रसाद यादव के एक करीबी सहयोगी प्रेम चंद गुप्ता (राजद से राज्यसभा सांसद) और उनके सहयोगियों द्वारा संचालित एक कंपनी को बेच दी।
बाद में, उक्त बेशकीमती जमीन सहित इस कंपनी को श्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों (श्रीमती राबड़ी देवी और तेजस्वी प्रसाद यादव) ने औने-पौने दाम पर अपने कब्जे में ले लिया।
विचाराधीन संपत्ति मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (DMCPL) (अब LARA प्रोजेक्ट्स LLP) के नाम पर खरीदी गई थी, जिसका नियंत्रण प्रेम चंद गुप्ता के पास था और यह संपत्ति अंततः लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के लाभ के लिए उनके पास थी।
जांच पूरी होने के बाद लालू प्रसाद यादव, श्रीमती राबड़ी देवी, तेजस्वी प्रसाद यादव, प्रेम चंद गुप्ता और 10 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया।
अदालत ने अब अभियोजन पक्ष के साक्ष्य के लिए मामले की सुनवाई 27.10.2025 से 07.11.2025 तक दैनिक आधार पर तय की है।
 
				



