
कोरबा, 22 दिसम्बर। भाजपा के राज्य की सत्ता में आते ही कोरबा जिले के नगर पालिका परिषद, कटघोरा (Nagar Palika Parishad, Katghora) के कांग्रेसी अध्यक्ष रतन मित्तल (Ratan Mittal) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया और रतन मित्तल अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहे।
कटघोरा नगर पालिका परिषद में कुल 15 पार्षद हैं। इसमें 7- 7 कांग्रेस एवं भाजपा तथा एक निर्दलीय है। शुक्रवार, 22 दिसम्बर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए विशेष बैठक बुलाई गई थी। अविश्वास प्रस्ताव के लिए जब मतदान हुआ तो इसके पक्ष में 7 वोट पड़े। अध्यक्ष को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव के तहत 8 जरूरी वोट की जरूरत थी। भाजपा ने पहले दावा किया था कि कुल आठ पार्षद साथ खड़े हैं, लेकिन मतदान के दौरान ऐसा नहीं हो सका। हालांकि अध्यक्ष रतन मित्तल के पक्ष में 3 मत ही पड़े। दो रिजक्ट किए गए और दो पार्षद जय कंवर, रवीन्द्र मोहन बघेल को अविश्वास के मतदान में हिस्सा नहीं लेने दिया गया।
बताया गया है कि मतदान के ठीक पहले दोनों वॉश रूम जाने के नाम से हॉल से बाहर गए थे। इन्हें हॉल में फिर से प्रवेश नहीं दिया गया। एक महिला पार्षद आर्मो अनुपस्थित रहीं। कुछ दिनों पूर्व ही पार्षद आर्मो भाजपा के समर्थन में आ गईं थी, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भाजपा का इस पार्षद का साथ नहीं मिल सका।
कांग्रेस के महामंत्री एवं सांसद प्रतिनिध लालबाबू ठाकुर ने punchmedia.in को बताया कि प्रशासन ने कांग्रेसी पार्षदों पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। जो दो पार्षद वॉश रूम गए थे, उन्हें हॉल में नहीं आने दिया गया। बावजूद इसके कांग्रेस की रणनीति के फलस्वरूप अध्यक्ष की कुर्सी बचा ली गई।