छत्तीसगढ़ : जमीन खरीदी बिक्री की बढ़ी दरों का सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी किया विरोध, जानें क्या कहा
जमीन खरीदी बिक्री के लिए अचानक बढ़ी दरों का चौतरफा विरोध हो रहा है

रायपुर, 02 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ में जमीन खरीदी बिक्री के लिए अचानक बढ़ी दरों का चौतरफा विरोध हो रहा है। इधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद बृजमोहन अग्रवाल (MP Brijmohan Agrawal ) भी साय सरकार के इस निर्णय के खिलाफ आ गए हैं। उन्होंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पत्र लिखकर वृद्धि को स्थगित कर पुरानी दरें बहाल करने की मांग उठाई है।
बृजमोहन अग्रवाल ने पत्र में यह लिखा :
प्रदेश में बिना किसी जन-परामर्श, बिना किसी वास्तविक मूल्यांकन और बिना सामाजिक-आर्थिक प्रभावों की समीक्षा के बिना कलेक्टर गाइड लाइन दरों में 100 प्रतिशत से लेकर 800-900 प्रतिशत तक की अनसुनी, अनियोजित वृद्धि कर दी गई है। इससे पूरे प्रदेश में अनेक वर्गों में असंतोष उफान पर है। किसान, छोटे व्यवसायी, कुटीर उद्यमी, मध्यम वर्ग, छोटे रियल एस्टेट क्षेत्र और निवेशक सभी इस निर्णय के खिलाफ है व्यापक विरोध को देखते हुए यह निर्णय किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है, राजनीतिक दृष्टि से तो विल्कुल नहीं है।
राज्य में हजारों की संख्या में किसान और लघु व्यवसायी मुझसे मिले थे एवं अलग अलग ज्ञापन दिये है उनका अनुउत्तरीत प्रश्न हैं क्या यही “इज ऑफ लिविंग“ है? क्या यही “इज ऑफ डूइंग बिजनेस“ है? इस नवीन गाइड लाईन के निर्णय से प्रदेश में निवेश रुक जावेगा, लघु उद्योगों पर प्रभाव पड़ेगा और छत्तीसगढ़ में रोजगार के अवसर कम होगें? राजस्व पर भी खासा प्रभाव पड़ेगा? नई गाइड लाइन की दरों में की गई यह वृद्धि लोक कल्याणकारी शासन की भावना के विपरीत है और यह निर्णय प्रदेश की आर्थिक रीढ़-कृषि, लघु उद्योग और मध्यम वर्ग सभी पर करारी चोट साबित होगी। व्यापक तौर पर जन भावनाएं इस निर्णय से असहमत है लोकतंत्र में जन भवानओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
इसी परिप्रेक्ष्य में रायपुर और नवा रायपुर के कुछ उदाहरण है जो पुनर्विचार करने के लिए सोचने पर मजबूर कर रहा है लाभांडी ग्राम 0.405 हे. भूमि, पूर्व गाइडलाइन के अनुसार मूल्य रू 1.77 करोड़, नवीन गाईड लाईन के अनुसार मूल्य रू 12.79 करोड़, अर्थात 725 प्रतिशत की उछाल, क्या एक ही वर्ष में यह वृद्धि तार्किक है? निश्चित रूप से नहीं-यह प्रशासनिक चूक नहीं है। ग्राम निमोरा 0.405 हे. भूमि, पूर्व मूल्य रू 15.58 लाख, नवीन मूल्य रू 1.41 करोड़ यानी लगभग 888 प्रतिशत की वृद्धि ! क्या यह किसी भी आर्थिक न्याय या बाजार वास्तविकता के अनुरूप है?
नवा रायपुर के गाँवों को बिना मानक पूरा किए नगरीय क्षेत्र घोषित करना गंभीर त्रुटिपूर्ण निर्णय दिखाता है। नवा रायपुर में शामिल गाँवों के अंदर में न सड़कें नगरीय स्तर की, न नालियाँ-बिजली-पानी का पर्याप्त प्रबंधन, न जनसंख्या, न औद्योगिक वाणिज्यिक गतिविधियाँ है। यह गांव अब भी कृषि प्रधान है। इन गांवों को “नगरीय“ घोषित कर उनका मूल्यांकन शहर जैसी दरों पर करना अन्याय है।
स्टांप शुल्क और पंजीयन शुल्क वर्ष 2018-19 में 30 प्रतिशत मूल्य में कटौती कर पंजीयन शुल्क 0.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया था। अब मूल्य पुनः 100 प्रतिशत कर दिया गया, लेकिन पंजीयन शुल्क 4 प्रतिशत ही रखा गया है जिसे कम कर फिर 0.8 प्रतिशत किया जाना जनहित में होगा। यदि मूल्य 100 प्रतिशत हो गया है तो शुल्क भी 4 प्रतिशत से घटाकर पुनः 0.8 प्रतिशत किया जाना चाहिए।
गाईड लाईन के दर वृद्धि पर बार बार यह दावा किया जा रहा है कि “किसानों को भूमि अधिग्रहण में अधिक मुआवजा मिलेगा“ परंतु वस्तुस्थिति यह है कि कुल भूमि का केवल 1 प्रतिशत ही अधिग्रहण में आता है, जबकि 99 प्रतिशत जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ लाद दिया गया है।
माननीय मुख्यमंत्री जी, यह निर्णय न तो जनहित में है, न शासनहित में और न ही प्रदेश के विकास के लिए तर्कसंगत है। मुझे लगता है कि यह वृद्धि छत्तीसगढ़ के लाखों परिवारों के सपनों और आजीविका पर प्रभाव डालेगा। अतः आपसे अनुरोध है कि दिनांक 20/11/2025 को जारी नई गाईड लाईन वृद्धि की दर को स्थगित किया जाए। पूर्ववत गाईड लाईन दरें पुनः लागू की जाएं। नई गाईड लाईन हेतु निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा, स्वतंत्र आर्थिक मूल्यांकन, विषय विशेषज्ञो की एक कमेटी बनाकर परीक्षण व वास्तविक बाजार मूल्य के आधार पर, नई नीति तैयार की जाए। नवा रायपुर में सम्मिलित ग्रामों को नगरीय क्षेत्र से मुक्त किया जाए। पंजीयन शुल्क 4 प्रतिशत से घटाकर 0.8 प्रतिशत किया जाए।
अतः आपसे पुनः अनुरोध है कि इस विषय में व्यापक विरोध को देखते हुए, 20/11/2025 से लागू कलेक्टर गाईड लाईन के मूल्य वृद्धि को अविलंब स्थगित करने, विशेषज्ञो की कमेटी बनाकर परीक्षण कराने का निर्देश देते हुए, राज्य की जनता को राहत प्रदान करेंगे।



