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अटल बिहारी वाजपेयी की 10 सर्वश्रेष्ठ कविताएं : गीत नया गाता हूं …

गीत नया गाता हूँ …

टूटे हुए तारों से फूटे वासंती स्वर
पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर

झरे सब पीले पात, कोयल की कुहुक रात
प्राची में अरुणिमा की रेख देख पाता हूँ

गीत नया गाता हूँ
टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी

अंतर की चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी
हार नहीं मानूँगा, रार नहीं ठानूँगा

काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूँ
गीत नया गाता हूँ

(Atal Bihari Vajpayee)

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